जिंदगी हुई अब सरफिरा मेरे लिए,
सदियों बाद हुआ वो मेरे लिये,,
उसकी मोहब्बत, उसकी एक चाल थी,
मेरे होसले है बस मेरे लिए,,
GIRISH CHANDRA SHUKLA
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Jan 27, 2011
Jan 26, 2011
मेरे हुस्ने मुहब्बत आया है
मेरे हुस्ने मुहब्बत आया है,
गुले बहार अभी ठहेर जाए,,
वो आया है,
अबकी पिछली बहारो के ज़ख्म तो भर जाए,,
मेरे हुस्ने मुहब्बत आया है,
गुले बहार अभी ठहेर जाए,,
गुले बहार अभी ठहेर जाए,,
वो आया है,
अबकी पिछली बहारो के ज़ख्म तो भर जाए,,
मेरे हुस्ने मुहब्बत आया है,
गुले बहार अभी ठहेर जाए,,
आज अपने चुप से तुमको मिलाएँगे हम
आज अपने चुप से तुमको मिलाएँगे हम,
इस दिल मे कितने आईने है, दिखाएँगे हम,,
गुले बरबाद की तमन्ना ना थी हुमको,
आज फिर तुमको यकी दिलाएँगे हम,,
कौन जाने की क्या है मेरे दिल के धड़कने का शबब,
सब से पूछे है क्यूँ ? आओ आज बताएँगे हम,,
रिस्तो मे दूरिया, ये जहन मे फ़ासले, वो रोज गुजरता है मेरे यादो के रास्ते,
ये किसको बताएँगे हम, आज अपने चुप से तुमको मिलाएँगे हम,,
इस दिल मे कितने आईने है, दिखाएँगे हम,,
गुले बरबाद की तमन्ना ना थी हुमको,
आज फिर तुमको यकी दिलाएँगे हम,,
कौन जाने की क्या है मेरे दिल के धड़कने का शबब,
सब से पूछे है क्यूँ ? आओ आज बताएँगे हम,,
रिस्तो मे दूरिया, ये जहन मे फ़ासले, वो रोज गुजरता है मेरे यादो के रास्ते,
ये किसको बताएँगे हम, आज अपने चुप से तुमको मिलाएँगे हम,,
सुना है झील सी है आखे उसकी
सुना है झील सी है आखे उसकी,
आज उसमे डूब के देखते है,,
सुना है बात करती है आईने से वो,
आज उसकी रूह मे उतर के देखते है,,
सुना है वो अजन्नताए मूरत है,
हम जल ना जाए ये सोच के जलते है,,
उसका रुकना जैसे वक़्त का रुकना,
और चले तो जमाना रुक के देखते है,,
मेरा नसीब ना था की उसको देखु,
हम तो खुद मे उसको देखते है,,
उसके वास्ते रुकु की मौत कर जाउ,
सायद वो खाब है, आज नीद से उठ के देखते है,,
सुना है झील सी है आखे उसकी,
आज उसमे डूब के देखते है,,
आज उसमे डूब के देखते है,,
सुना है बात करती है आईने से वो,
आज उसकी रूह मे उतर के देखते है,,
सुना है वो अजन्नताए मूरत है,
हम जल ना जाए ये सोच के जलते है,,
उसका रुकना जैसे वक़्त का रुकना,
और चले तो जमाना रुक के देखते है,,
मेरा नसीब ना था की उसको देखु,
हम तो खुद मे उसको देखते है,,
उसके वास्ते रुकु की मौत कर जाउ,
सायद वो खाब है, आज नीद से उठ के देखते है,,
सुना है झील सी है आखे उसकी,
आज उसमे डूब के देखते है,,
Jan 3, 2011
एक ऐसा वर्ष
एक ऐसा वर्ष
नई शुबह, नई शुरुआत, नई बात
आइये स्वागत करते है एक नए वर्ष की
जिस की पुनराब्रित शादियो तक होती रहे
एक ऐसा दामन जो कभी अश्क से कभी गीली न हो
एक ऐसा वर्ष .........
जो दर्द के लिए दवा,
रात के लिए दिन,
दिलों के लिए धड़कने,
इश्क को जवानी,
पनघट में पानी,
पेडों को पत्ते,
सपने बने हकीकत,
आख्नो में उम्मीदे,
बेटे को माँ के लिए प्यार,
बच्चो को उचित शिक्षा और संस्कार,
सरहद पर अमन, चैन, शुख और शान्ति,
मूकअम्मिल दिन, सुनहरा सूरज, चांदनी राते,
कोयल को कु, कु,
शाहिल को सरगम,
खेतो में पानी,
सावन सुहानी,
पतझड़ को बहार,
धरती को प्यार,
राही को रास्ता,
मुशाफिर को मंजिल,
मृत्यु को जीवन,
जीवित को भोजन,
रोजगार, स्वीकार, परोपकार,
उमंग, तरंग, सरंग,
ईद, दिवाली, दसहरा,
पंछी को घोंसले,
हमको हौसले लेकर आए ,
जो धरती के उज्जवल भविष्य के निर्माण में धरती के सहयोगियों की सहायता करे
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नई शुबह, नई शुरुआत, नई बात
आइये स्वागत करते है एक नए वर्ष की
जिस की पुनराब्रित शादियो तक होती रहे
एक ऐसा दामन जो कभी अश्क से कभी गीली न हो
एक ऐसा वर्ष .........
जो दर्द के लिए दवा,
रात के लिए दिन,
दिलों के लिए धड़कने,
इश्क को जवानी,
पनघट में पानी,
पेडों को पत्ते,
सपने बने हकीकत,
आख्नो में उम्मीदे,
बेटे को माँ के लिए प्यार,
बच्चो को उचित शिक्षा और संस्कार,
सरहद पर अमन, चैन, शुख और शान्ति,
मूकअम्मिल दिन, सुनहरा सूरज, चांदनी राते,
कोयल को कु, कु,
शाहिल को सरगम,
खेतो में पानी,
सावन सुहानी,
पतझड़ को बहार,
धरती को प्यार,
राही को रास्ता,
मुशाफिर को मंजिल,
मृत्यु को जीवन,
जीवित को भोजन,
रोजगार, स्वीकार, परोपकार,
उमंग, तरंग, सरंग,
ईद, दिवाली, दसहरा,
पंछी को घोंसले,
हमको हौसले लेकर आए ,
जो धरती के उज्जवल भविष्य के निर्माण में धरती के सहयोगियों की सहायता करे
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Dec 25, 2010
जब से तूने मुझे दीवाना बना रक्खा है,
जब से तूने मुझे दीवाना बना रक्खा है,
नाम मैंने भी मुहब्बत का खुदा रक्खा है,,
Dec 14, 2010
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